टीचर ने बदल दी स्कूल सूरत:दीवारों पर नॉलेजेबल चित्रकारी की, बच्चों के लिए बर्थ-डे कॉर्नर भी बनाया
नवोदय धरोहर, सूरत गुजरात
टीचर ने बदल दी स्कूल सूरत:दीवारों पर नॉलेजेबल चित्रकारी की, बच्चों के लिए बर्थ-डे कॉर्नर भी बनाया लालसोट के रामगढ़ पचवारा स्थित महात्मा गांधी राजकीय स्कूल के टीचर ने स्कूल की दीवारों और दरवाजों पर आकर्षक चित्रकारी कर विद्यालय का वातावरण बच्चों के लिए प्रेरणादायी और आकर्षक बना दिया है। टीचर सुरेंद्र जांगिड़ ने अपने खाली समय और शीतकालीन अवकाश का उपयोग करके विद्यालय में कई प्रेरणादायक पेंटिंग्स बनाई हैं, जो न केवल आकर्षक हैं बल्कि शैक्षिक उद्देश्यों को भी पूरा करती हैं। इन पेंटिंग्स के माध्यम से गणित और विज्ञान विषयों के प्रति बच्चों की रुचि बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
सेव अर्थ” पेंटिंग में पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण संदेश जैसे पेड़, पानी, बिजली बचाने, बायो फ्यूल के उपयोग, प्लास्टिक के प्रयोग से बचने और कचरा प्रबंधन को दर्शाया गया है “सेव अर्थ” पेंटिंग में पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण संदेश जैसे पेड़, पानी, बिजली बचाने, बायो फ्यूल के उपयोग, प्लास्टिक के प्रयोग से बचने और कचरा प्रबंधन को दर्शाया गया है। छोटे बच्चों के लिए आकर्षक ट्रेन की चित्रकारी की गई है, जिसमें जंगली जानवरों के चित्र और उनके नाम शामिल हैं। “ग्रो पेंटिंग” के माध्यम से बच्चे अपनी लंबाई माप सकते हैं और “बर्थ डे कॉर्नर” में प्रत्येक विद्यार्थी का जन्मदिन मनाया जाता है, जिसमें 12 महीनों के नाम भी दर्शाए गए हैं।
सेव गर्ल चाइल्ड” पेंटिंग और “विंग्स सेल्फी कॉर्नर” के जरिए बेटी बचाओ का संदेश दिया गया है। पेंटिंग के माध्यम से नैतिक मूल्यों और अच्छे गुणों को भी प्रदर्शित किया गया है, साथ ही प्रेरणादायक उद्धरण लिखे गए हैं जो बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसके अतिरिक्त, विद्यालय में नो बैग डे, होली महोत्सव, दीपावली महोत्सव, बालिका दिवस, अंतरिक्ष दिवस, महिला दिवस, फर्स्ट डे स्कूल सेलिब्रेशन, भारतीय नव वर्ष, वार्षिकोत्सव, कृष्ण जन्माष्टमी, शिक्षक दिवस और अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों का शानदार आयोजन किया गया है।
बच्चों के लिए स्कूल में बर्थ डे कॉर्नर बनाया गया है। वन महोत्सव के तहत विद्यालय में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया और प्रत्येक विद्यार्थी को प्रेरित करने के लिए “सेल्फी विथ प्लांट” अभियान शुरू किया गया है। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है, उनके व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास हो रहा है और स्कूल के प्रति उनका लगाव भी बढ़ रहा है।